📍 घटना का विवरण
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले में पंचायत चुनाव की पुरानी रंजिश ने एक निर्दोष ग्रामीण की जान ले ली। बुधवार को गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। मृतक के परिवार वालों का कहना है कि ये घटना पहले से चली आ रही राजनीतिक दुश्मनी का नतीजा है।

यह घटना उस वक्त हुई जब ग्रामीण अपने खेत से लौट रहा था। अचानक रास्ते में घात लगाए बैठे हमलावरों ने तेजधार हथियारों से हमला कर दिया और मौके पर ही उसकी हत्या कर दी।
👥 परिवार का आरोप
परिजनों का कहना है कि मृतक ने पिछले पंचायत चुनावों में विरोधी गुट का खुलकर विरोध किया था। इसके चलते उस पर पहले भी धमकियां मिल चुकी थीं। पुलिस को इस संबंध में पहले से शिकायत भी दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मृतक के भाई ने कहा,
“हमने कई बार प्रशासन को चेताया था कि जान को खतरा है, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी।”
🚔 पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला पूर्व चुनावी रंजिश का लग रहा है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
पीलीभीत पुलिस अधीक्षक (SP) ने बताया कि
“हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
😠 गांव में तनाव का माहौल
घटना के बाद पूरे गांव में तनाव का माहौल है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है और वे आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
📊 राजनीतिक पृष्ठभूमि और पंचायत चुनाव का प्रभाव
पंचायत चुनाव भले ही बीत चुके हों, लेकिन उनकी राजनीतिक टीस आज भी जिंदा है। गांवों में वर्चस्व की लड़ाई अक्सर खूनी संघर्ष में बदल जाती है। इस घटना ने एक बार फिर इस कड़वे सच को सामने ला दिया है।
📸 घटना स्थल का हाल
घटना स्थल पर खून के निशान और टूटी हुई चप्पलें आज भी मौजूद थीं। ग्रामीणों की भीड़ ने घटनास्थल को घेर रखा था। पीड़ित परिवार के घर मातम पसरा हुआ है।
📝 एफआईआर में दर्ज धाराएं
पुलिस ने IPC की धाराएं 302 (हत्या), 120B (षड्यंत्र), 147 (दंगा), 148 (हथियारों से लैस होकर दंगा) और 149 (गैंग बनाकर अपराध करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
📣 जनता और प्रशासन से सवाल
- जब पहले से धमकियां मिल रही थीं, तो सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?
- क्या पंचायत चुनाव में जीत-हार अब जानलेवा दुश्मनी में बदल चुकी है?
- ग्रामीण इलाकों में प्रशासन की विफलता कब तक ऐसे मामलों को जन्म देती रहेगी?
💬 स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
स्थानीय विधायक ने घटना पर दुख जताया और कहा:
“हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
🧾 मांग और उम्मीदें
पीड़ित परिवार ने:
- ₹25 लाख मुआवजे की मांग की है
- आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी की मांग की
- मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी देने की अपील की
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